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शिक्षा विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर 31 लोगों से 55 लाख के ठगी, ऐसे खुला मामला

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द फॉलोअप डेस्क
गिरिडीह में शिक्षा विभाग के नौकरी लगवाने के नाम पर 31 लोगों से 55 लाख के ठगी का मामला सामने आय़ा है। ठगी में गिरिडीह से लेकर रांची तक के लोगों की संलिप्तता सामने आई है। गिरोह में शिक्षा विभाग से जुड़े एक बीपीएम, एक सरकारी स्कूल के आईसीटी (इनफार्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी) प्रशिक्षक के अलावा अब तक 8 लोगों के नाम प्रकाश में आए हैं। पुलिस ने अबतक एक आईसीटी ट्रेनर को गिरफ्तार किया है। जिसने 31 लोगों के साथ ठगी करने की बात को कबूल किया है। 


क्या है मामला समझिए..
ईटीवी भारत में छपी खबर के अनुसार मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गादी श्रीरामपुर निवासी पवन कुमार ने पुलिस से पूरे मामले की शिकायत की। एफआईआर में उसने बताया कि इंस्टाग्राम के जरिए मनीष कुमार करण नामक युवक से उसकी दोस्ती हुई। दोस्ती के बाद मनीष ने उससे कहा कि वह उसे सरकारी नौकरी दिला सकता है। उसने बताया कि झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल में ई-कल्याण और डाटा मैनेजमेंट ऑपरेटर का बड़ा काम आया है। उसने बताया कि सेटिंग से सारा काम हो जाएगा और नौकरी भी मिलेगी। एक व्यक्ति को नौकरी दिलाने के लिए पांच लाख मांगे गए। पवन ने बताया कि तत्काल उससे ढाई लाख ले लिए गए। पवन के बाद कोलडीहा के दो दोस्तों पुरुषोत्तम कुमार पटवा और कैलाश जायसवाल से भी पैसे दिलवाए गए। कुल रकम 10.50 लाख हो गई। इसके बाद उससे कहा कि 12 अप्रैल को कागजों का सत्यापन किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद उसने कहा कि 21 अप्रैल को इंटरव्यू होगा। लेकिन इंटरव्यू नहीं हुआ। हालांकि मेरिट लिस्ट जारी कर दिया। 


शक होने पर पैसा वापस करने को कहा
FIR में कहा गया है कि 29 अप्रैल से तीन मई तक डीसी कार्यालय गिरिडीह में ज्वाइन करने को कहा गया। 3 मई को जब वे डीसी ऑफिस पहुंचे तो उन्हें अविनाश नामक व्यक्ति से मिलवाया गया, जिसने कहा कि बीआरसी में बायोमेट्रिक होगा और फिर आईडी कार्ड दिया जाएगा। पवन ने बताया कि जब उसे शक हुआ तो उन्होंने पैसे वापस करने को कहा। दबाव बनाने पर मनीष ने अशोक पात्रा के नाम से चेक दिया और कहा कि अगर नौकरी नहीं लगी तो पैसे वापस ले लेना। हालांकि, दोनों चेक बाउंस हो गए।


शिक्षा विभाग और श्रम विभाग के लोग भी शामिल 
मामले को लेकर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार एफआईआऱ दर्ज होने के दूसरे ही पुलिस ने मनीष नामक एक आरोपी  को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूछताछ में मनीष ने अपने आठ साथियों का नाम बताया है। उसने बताया है कि इस गिरोह में बिहार के अलावा रांची के लोग भी शामिल है। जिसमें शिक्षा विभाग और श्रम विभाग के लोग भी शामिल हैं। 

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